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Akanksha Rao

Children Drama

5.0  

Akanksha Rao

Children Drama

बचपन

बचपन

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780


जीवन का एक ऐसा हिस्सा

जिसका हर पल है एक किस्सा।

खूबसूरत यादों के वो पल,

जो अब बन चुके हैं कल।


वो भोली-भाली बेमतलब बातें,

निश्छल निष्कपट कहीं भी कह जाते,

अब सोच समझकर बोलना मुश्किल,

तब पल में रोते पल में खिलखिलाते।


बचपन की परिभाषा क्या है,

सब को जीवन से आशा क्या है,

लौट आये बचपन फिर एक बार,

खुशियों से फिर भर जाए संसार।


यह भी संभव है अगर आप चाहे तो,

फिर एक बार निश्छल निष्कपट बन जाये तो,

जब आप सभी को अपना बंधु समझे,

और फिर वही भोलापन वापस आ जाये तो।


बचपन कुछ और तो नहीं,

सच्चाई और अच्छाई का आईना है,

असीम खुशी सत्य और अच्छाई में ही छिपी है,

और यही तो जीवन का महत्वपूर्ण सत्य है।


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