बचपन वाले भारतीय खेल
बचपन वाले भारतीय खेल
खेल-खेल की हँसी मुबारक
वो छोटे-छोटे हाथों में
झुनझुने बेहद प्यारे हैं
हँसते गाते खिल-खिलाते बच्चे
झुनझुनो के सहारे हैं
बचपन उठाकर देख लो
ये भारतीय खेल हमारे हैं।
खाली मैदान दूर की कमान
गिल्ली- डन्डा मजे से खेलो
गिल्ली जाती दूर मैदान मे
ये सारे खेल-ए-शौक हमारे हैं
बचपन उठाकर देख लो
ये भारतीय खेल हमारे हैं।
लटटू मे रस्सी लपेटना
फ़िर रस्सी को लटटू से छूड़ाना
जमीं पर लटटू चलाने के अंदाज
ये प्यार-प्यारे खेल हमारे हैं
बचपन उठाकर देख लो
ये भारतीय खेल हमारे हैं।
गोल-गोल कांच की गोली
एक से एक गोरी से गोरी
खुब इकठ्ठा करके खेलो
फ़िर हारो-जीतो थोड़ी-थोड़ी
ये मस्तमोले खेल हमारे हैं
बचपन उठाकर देख लो
ये भारतीय खेल हमारे हैं।
एक गोल-गोल गेंद और
एक बल्ला जरूरी होता है
बल्ले से मारो गेंद को
दूर तक पहुंचाना होता है।
फ़िर जब तक गेंद दौड़ेगी
एक रेखा तक हम दौड़ेंगे
मै दोडूँगा मेरा साथी दौड़ेगा
और अंक बढ़ाए जायेंगे
ऐसे निराले भारतीय खेल हमारे है
बचपन उठाकर देख लो
ये भारतीय खेल हमारे हैं।
एक-एक युवा
बलवान बनता यहां
होता कुश्ती का खेल यहां
जो जीता वो विजेता
जो हारा सो हारा
कुश्ती के पहलवान हमारे
बचपन उठाकर देख लो
ये भारतीय खेल हमारे हैं।
आज की बात ओर है
कुछ राष्ट्रिय कुछ अन्तर्राष्ट्रीय हो गए
याद फ़िर भी ताजा है
भारत के है भारत के रह गए
ऐसे बहुत से खेल हमारे हैं
बचपन उठाकर देख लो
ये भारतीय खेल हमारे हैं।
