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Sahenur Begum

Abstract

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Sahenur Begum

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बचपन के यार

बचपन के यार

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बचपन के यार 

जिनके साथ पढ़े थे कक्षा चार

जिनसे बाटते थे अपने विचार 

थोड़ा गुस्सा और बहुत था प्यार 


खाते थे साथ पूड़ी, अचार 

दिल से थे दिलदार 

और सकल से ईमानदार 

वो थे मेरे बचपन के यार

 बहुत याद आते हैं 


उनकी जगह मेरे दिल में है

दोस्त तो बहुत मिले 

पर उनकी जगह

किसी को नहीं दे पाई 


याद आता है वो बचपन की

खट्टी मीठी लड़ाई 

याद आता है वो

ए, बी, सी, डी वाली पढ़ाई

बचपन के वो यार 

आते है बहुत याद।


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