बच्चे
बच्चे
बच्चे , नाम सुनते ही किलकारियाॅं गूंजने लगती हैं
बच्चे की नादानी प्यारी लगती है ,
उसकी शैतानियां मनभावन लगती हैं
बच्चे सबको प्यारे लगते हैं।
बच्चे के बिना घर में रौनक नहीं रहती ।
जिस तरह फूल उपवन की शोभा है,
उसी तरह बच्चे घर की शोभा है ,
इनकी मुस्कुराहट से ही खुशबू फैलती है।
बच्चे देश का भविष्य होते हैं ,
उनकी परवरिश में संस्कार होनी चाहिए,
देश के प्रति भक्ति और श्रद्धा होनी चाहिए,
तभी देश की उन्नति निश्चित होगी ।