बच्चा हूँ बच्चा ही रहने दे
बच्चा हूँ बच्चा ही रहने दे
बच्चा हूँ बच्चा ही रहने दे......
मत बड़ा कर मुझे बच्चा ही रहने दे...
मेरे नटखट नादानी से परेशान है सब ...
पर दिल से कच्चा हूँ कच्चा ही रहने दे.......
मत बड़ा कर मुझे बच्चा ही रहने दे...
कभी हिंदु तो कभी मुसलमां हो जाता..
गर एक बार मैं भी जवान हो जाता..
सो अलग अलग मुद्दे खोज लाता..
फिर इंसानियत का दुश्मन हो जाता...
इसी भ्रम में कही जेहाद भी फैलाता..
बड़ा होकर मुझे खुद ही खुदा ना बनने दे..
मत बड़ा कर मुझे बच्चा ही रहने दे...
कोई अफसर, डाक्टर,
इंजीनियर या बाबू ना बना मुझे ....
सौ आने सच्चा हूँ सच्चा ही रहने दे.......
मत बड़ा कर मुझे बच्चा ही रहने दे...
ऐतबार बहुत है सबको अपनी बंदगी पर ....
थोड़ा तरस तो खा लो हमारी सादगी पर....
हम नहीं तेरे जैसे की मन में जहर को घोल ले...
हम तो सुबह रूठकर भी शाम उसी के साथ खेलें...
चेहरे एक है हजार नहीं, गुजारिश है वही रहने दे...
अभी ईमान का पक्का हूँ पक्का ही रहने दे...
मत बड़ा कर, मुझे बच्चा ही रहने दे..
इस दुनिया में तो सब कुछ धोखा है.....
मैंने खुद को अब तक रोका है....
सो सच में अच्छा हूँ अच्छा ही रहने दे.......
मत बड़ा कर मुझे बच्चा ही रहने दे...