Komal Talati "Shashi"
Romance
बादलों में छुपा शीतल चाँद को
निहारते हुए याद जो तुम्हारी आई...
सुर्ख हवाएँ भी मन को सिहरा देती,
आँखों के कोर हुए जो नम उनमें से
प्यार जो तेरा छलक रहा बेशुमार...
थोड़ी सी में ...
रोशनी...
बैरी चाँद..
लाली जो लगी है तुमको ही देख रही है नज़रें जो शरमाई हैं लाली जो लगी है तुमको ही देख रही है नज़रें जो शरमाई हैं
कुछ इस क़दर आया मेरे नापाक इरादों को पाक कर गया वो ! कुछ इस क़दर आया मेरे नापाक इरादों को पाक कर गया वो !
मुद्दत से तेरी इबादत की है, चांद से तेरी शिकायत की है! मुद्दत से तेरी इबादत की है, चांद से तेरी शिकायत की है!
ज़र्रे-ज़र्रे ने याद दिलाई तुम्हारी, लम्हों ने भी वफादारी निभाई, ज़र्रे-ज़र्रे ने याद दिलाई तुम्हारी, लम्हों ने भी वफादारी निभाई,
एक सपने का टुकड़ा जोड़कर, मैंने जिन्दगी से इश्क किया था। एक सपने का टुकड़ा जोड़कर, मैंने जिन्दगी से इश्क किया था।
तुम तो मेरे लिए हो मटके का ठंडा जल या फिर बांस का बना हुआ पंखा तुम तो मेरे लिए हो मटके का ठंडा जल या फिर बांस का बना हुआ पंखा
मैंने उनकी अनुपस्थिति में तुम्हारे शब्दों को चुना मैंने उनकी अनुपस्थिति में तुम्हारे शब्दों को चुना
आस पास क्या हो रहा है मुझे कुछ खबर ही नहीं है आस पास क्या हो रहा है मुझे कुछ खबर ही नहीं है
चांदनी की रात कहो कोर निहारे है गरबा की बात कहो। चांदनी की रात कहो कोर निहारे है गरबा की बात कहो।
पहले तो सिर्फ शक हुआ था हमें पर अब यकीनन उससे इश्क करते हैं ! पहले तो सिर्फ शक हुआ था हमें पर अब यकीनन उससे इश्क करते हैं !
धड़कन की तरह उनको दिल के पास रक्खा है! धड़कन की तरह उनको दिल के पास रक्खा है!
जैसे खो जाते हैं सपने वास्तविकताओं के सख्त धरातल पर.. जैसे खो जाते हैं सपने वास्तविकताओं के सख्त धरातल पर..
मन को कर भयमुक्त प्रेम से प्रेम में हृदय की रिक्तता को है भर दिया मन को कर भयमुक्त प्रेम से प्रेम में हृदय की रिक्तता को है भर दिया
आज जो पूछा है ये सवाल तो कह देता हूं, अजनबी को खुद से ही सनम लिखता कैसे। आज जो पूछा है ये सवाल तो कह देता हूं, अजनबी को खुद से ही सनम लिखता कैसे।
हर लम्हा हर घड़ी इक फ़िक्र सी रहती है, जुबां तो नहीं पर आँखें ज़िक्र करती हैं । हर लम्हा हर घड़ी इक फ़िक्र सी रहती है, जुबां तो नहीं पर आँखें ज़िक्र करती हैं...
तुम्हारे साथ की यादें तेरी तस्वीर से बातें वही रिमझिम सा गिरता मौसम और भीगी सी मुलाकातें चलो इस तन्ह... तुम्हारे साथ की यादें तेरी तस्वीर से बातें वही रिमझिम सा गिरता मौसम और भीगी सी म...
उनकी भीनी-भीनी खुश्बू, हवाओं को मदहोश करती है! उनकी भीनी-भीनी खुश्बू, हवाओं को मदहोश करती है!
शब्द यथास्थान नजर आने लगे लिखा था साफ - साफ शब्द यथास्थान नजर आने लगे लिखा था साफ - साफ
अक्सर अकेले में ,मैं सोचती हूँ आखिर क्यों तुम्हें इतना चाहती हूँ ! अक्सर अकेले में ,मैं सोचती हूँ आखिर क्यों तुम्हें इतना चाहती हूँ !
इजहार करता प्यार का समझता खैरात है उसका, ना सोचता लड़का लड़की के प्रेम भावना इजहार करता प्यार का समझता खैरात है उसका, ना सोचता लड़का लड़की के प्रेम भावना