बातें दिल से
बातें दिल से
आज फिर से टूटा हूँ मै
खुद ही से जाने क्यों रूठा हूँ मै
दुनिया का हर रिश्ता झूठा लगे
करके भरोसा बस लुटा हूँ मै
कोसू मै रोज़ देता मै दोष
मेरे जैसे मुझे मिले नही लोग
कभी किसी का ना चाहा बुरा
किसकी सज़ा खुदा भोगू मैं रोज़
इतना अच्छा खुदा मुझे क्यों ही बनाया?
भरोसा करना तूने क्यों ही सिखाया?
सारी गलती इस दिल की लगे
दिल से निभाया पर सब ने गिराया
कोई तो हो जो अपना लगे
कहते है सब पर ना बने सगे
तेरे मै साथ हूँ , तेरे मै पास हूँ
मुश्किल पड़े तो कोई ना लगे गले।