बारिश
बारिश
यह जो करे बादल छाए हैं,
तेरे आने का संदेशा लाए हैं।
सौंदी सी हवा और तेरा इंतज़ार
तेरी पहली बूंद ,
ग्रीष्म में राहत की फुआर।
तू ही तो सुखी
मिट्टी को महकती है।
तुझसे ही
हरियाली हर खेत में लहराती है।
तेरे आने पे आज भी
अम्मा स्वाद की पकोड़ियां बनती है।
आज भी तेरे आने पे
वो पूरे सुर ताल में अपने
कंगन और पायल छनकती है।
आज भी तेरी धारा में
कई कागज़ के नाऊ वेह के आती है।
तेरे नाम से आज भी
झूले झूले जाते है।
तुझे पता है,
तेरे नाम के कितने गीत गाए जाते हैं।
