बारिश पर दोहे
बारिश पर दोहे
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फूल, कली, तितली, भ्रमर, इन्द्रधनुषी रंग।
कोयल, मोर,पपीहरा, गा बारिश के संग।।
टिप टिप करके नाचती, बारिश की हर बूंद।
भीग रहा प्रेमी युगल, आंखें अपनी मूंद।।
ठंडी ठंडी ये पवन, छू जाती जब गात।
यादों में चलचित्र सी, आती पहली रात।।
बारिश की हर बूंद में , जाने कैसी भंग।
पीकर जग मदहोश है, मन में उठे तरंग।।
काले बादल हो गये ,बरस-बरस कर श्वेत।
घरती का मन है हरा, मुदित-मुदित से खेत।।
सपने बोकर खेत में, बैठा धरकर आस।
पोसे फसलें प्रेम से , कृषक का विश्वास।।
घान, पात,फल,फूल में, देना बरकत ईश।
सबकी रखना भावना , ओ मेरे जगदीश।।