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Prajapati Parth

Abstract romance fantasy inspirational

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Prajapati Parth

Abstract romance fantasy inspirational

बारिश हो रही है

बारिश हो रही है

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बारिश हो रही है

धूप की छुट्टियां जा चुकी हैं,

मॉनसून का त्यौहार आ चुका है, 

आसमान गूंज उठा है मेघ की गर्जना से ,

सूरज छुप गया बादलो का सहारा लेकर, 

कड़क रही है बिजली चारो और,

बारिश हो रही है।।।।

हो चुकी शाम दिन में,

क्योकि बारिश शुरु हो चुकी है ।।।


बीज बोये थे उसने अपने खेत में,

साल भर किया है जिसने इंतेजार उसका,

है बहुत खुश वो खेत का मालिक,

झूमम के नाच रहा इस पहली बरसात में ,

क्योकि बारिश शुरु हो चुकी है।।।


जहाँ रोज मिलते थे दोस्त सब खेल खेलने,

होती थी दिन भर की बातें जहां पर,

पानी फेर दिया इस पानी की

बरसात ने,

क्योकि बारिश शुरु हो चुकी है।।।।


 लेकिन,,,,

छा रहा है ठंड का माहौल,

आ रही है मधुर सी खुशबु मिट्टी की,

छा रही है हरियाली चारो ओर,

मेढक की ट्राऊ ट्राऊ सुनाते सुनाते,

घर के बनाये गर्म पकोड़े खाते खाते,

मजे ले रहे हैं हम इस पहली बर्षा का,

क्योकि बारिश शुरु हो चुकी है।।।। 


हे ना-खुश कही लोग जहां,

ना बचा है पानी नदी-तालाब और नाले में,

पेड़ पौधे भी पूरी तरह से सुख गए है,

धरा बन चुकी है रेगिष्ट जैसी,

करदे बारिश उस जगह भी, हे मेघराज!

करदे खुश उनको भी हमारी तरह,

क्योंकि यहां तो पहली बारिश हो चुकी है।।।।


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