काले मेघों का गर्जन सुनकर, सकल धरा फिर काँपी थर थर। काले मेघों का गर्जन सुनकर, सकल धरा फिर काँपी थर थर।
ठंडे-ठंडे मौसम में, अन्तर्मन भी ठंडक से हिलोरें लेने लगता है बारिश मे भीगने का अलग ही मज़ा है। ठंडे-ठंडे मौसम में, अन्तर्मन भी ठंडक से हिलोरें लेने लगता है बारिश मे भीग...
सपने सजा कर हजारों, आपना दामन छुड़ा लिया। सपने सजा कर हजारों, आपना दामन छुड़ा लिया।
सिखलायेगा वह ऋतु,एक ही अनल है, ज़िन्दगी नहीं वह जहाँ नई हलचल है। सिखलायेगा वह ऋतु,एक ही अनल है, ज़िन्दगी नहीं वह जहाँ नई हलचल है।
आसमान गूंज उठा है मेघ की गर्जना से , सूरज छुप गया बदलो का सहारा लेकर! आसमान गूंज उठा है मेघ की गर्जना से , सूरज छुप गया बदलो का सहारा लेकर!
सिखलायेगा वह ऋत,एक ही अनल है, ज़िन्दगी नहीं वह जहाँ नई हलचल है. सिखलायेगा वह ऋत,एक ही अनल है, ज़िन्दगी नहीं वह जहाँ नई हलचल है.