प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को
क्या! मेरा प्रारब्ध है
शिखर समेरू हूँ ?
या अतल गहराई समुद्र की ?
प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को
क्या! मेरा आरंभ था
केवल मनुष्य था?
या इससे कुछ और था?
प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को
क्या! मेरा वर्ग है
केवल जाति ही है?
या मानवता पहचान है?
प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को... Read more
प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को
क्या! मेरा प्रारब्ध है
शिखर समेरू हूँ ?
या अतल गहराई समुद्र की ?
प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को
क्या! मेरा आरंभ था
केवल मनुष्य था?
या इससे कुछ और था?
प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को
क्या! मेरा वर्ग है
केवल जाति ही है?
या मानवता पहचान है?
प्रतिपल खोजता हूँ स्वयं को
क्या! लोभ भी है भीतर मेरे
ये प्रारम्भ से ही साथ हैं?
या बस आज कल की बात है? Read less