बापू तुमसे ही सीखा है
बापू तुमसे ही सीखा है
बनो सहारा दुर्बल का
और शक्तिहीन का शस्त्र बनो
बनो पथिक तुम सत्य का
और निर्बल कि आवाज़ बनो
उद्देश्य यही हो जीवन का
कि बापू का प्रतिरूप बनो
बनो कंधा तुम रोते का
और बंदुहिन का मित्र बनो
बनो ध्वजा तुम सद्भाव का
और अधीनों का स्वराज बनो
उद्देश्य यही हो जीवन का
कि बापू का प्रतिरूप बनो
बनो साहस तुम डरते का
और शरणागत का विश्वास बनो
बनो प्रतिक तुम अहिंसा का
और धैर्यहीन का धैर्य बनो
उद्देश्य यही हो जीवन का
कि बापू का प्रतिरूप बनो
