बापू तुमको आना होगा
बापू तुमको आना होगा
अश्रुपूर्ण आँखें हम सब की,
थक कर हारी पंथ निहार।
आ जाओ फिर से तुम बापू,
सिसक रहा सारा संसार ।।
एक बार तो फिर से बापू,
जन्म तुझे लेना होगा ।
फिर समझाने राह सत्य की,
बापू तुम को आना होगा ।।
भटक चुके उस पथ से हम सब,
तूने जो राह दिखाई थी ।
सत्य, अहिंसा, प्रेम-परस्पर,
भूले, जो सीख सिखाई थी ।।
राह सत्य पर फिर हम सब को,
हाथ पकड़ लाना होगा ।
एक बार तो फिर से बापू,
जन्म तुझे लेना होगा ।
फिर समझाने राह सत्य की,
बापू तुमको आना होगा ।।
शोषित, पीड़ित, दीन को बापू,
'हरिजन' कह सम्मान दिया ।
एक राष्ट्र, एक ध्वज के नीचे,
हमको लाकर एक किया ।।
साबरमति कुटी का प्रांगन,
फिर निर्मल करना होगा ।
एक बार तो फिर से बापू,
जन्म तुझे लेना होगा ।
फिर समझाने राह सत्य की,
बापू तुम को आना होगा ।।
जिस उपवन को सींचा तूने,
अपने कोमल हाथों से ।
सोचा सजी रहे यह बगिया,
रंग-बिरंगे फूलों से ।।
जिस कांटे ने भेदा तुम को,
उसे सबक देना होगा ।
एक बार तो फिर से बापू,
जन्म तुझे लेना होगा ।
फिर समझाने राह सत्य की,
बापू तुम को आना होगा ।।