बाँट सुख दु:ख जी ले जिंदगी
बाँट सुख दु:ख जी ले जिंदगी
सारी उम्र गंवाई।
अज्ञान के भंवर मे।
जागी जो नींद सोयी।
पाया ना कुछ भी जीवन मे।
रो रो के बीता जीवन।
राह ना कोइ दिखे।
जैसे भटके है अंधियारा मन।
दिन कुछ भी ना सुझे।
आँख खोल पाये मन।
राह नयी जीवन की।
मिला जो सुनहरा अवसर।
बाँट सुख दु:ख जी ले जिंदगी