"बालाजी पर ऐतबार"
"बालाजी पर ऐतबार"
यह जीवन फंसा है, बीच मझधार
बालाजी ही उतारेंगे, तुझे उस पार
हर आदमी ही यहां पर है, दागदार
मुझे तो बस बालाजी पर एतबार
सब ही यहां पर बेईमान, कलाकार
एकमात्र बालाजी, यहां पर ईमानदार
जो शख्स यहां जैसा कर्म करता है,
उसे वैसा ही पहनाते है, बालाजी हार
यह जीवन फंसा है, बीच मझधार
बालाजी ही उतारेंगे, तुझे उस पार
सब सगे सम्बन्धी, स्वार्थी, बेशुमार
एकमात्र बालाजी सच्चा, रिश्तेदार
जो लोग एक हाथ पकड़े हुए है,
वो दूजे हाथ से करते, खंजर वार
मुझे तो बस बालाजी पर एतबार
उनको छोड़, सब मतलबी यहां यार
छोड़ दे साखी, यह मतलबी संसार
जग जड़ें ऊपर, शाखाएं नीचे भार
बाला भक्ति कर,उनसे कर तू प्यार
बालाजी है, सर्वेसर्वा, ईश्वर तारणहार
वो ब्रह्मांड रचयिता, कलयुग अवतार
उनको छोड़ सब चीजें,अपूर्ण बहार
कर परब्रह्म भक्ति, मिटा घट अंधकार
उनकी भक्ति से हो जायेगा, तेरा उद्धार।