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jignesh 💫 💫

Inspirational

4  

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बाल विवाह

बाल विवाह

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रोको यह बाल विवाह, 

जल्दी क्यों है? 

तुम्हें विवाह कि, 

निखर ने दो, 

इन छोटे मासूमों को। 

कच्ची कलियों को अब पकने दो। 

क्यों अंधेरी कोठी में झोंक रहे हो, 

बचपन इनका, 

वह स्वयं चुनेंगे मार्ग अपना , 

मत बांधों इन्हें विवाह की जंजीरों से, 

जाने दो इनको आसमान कि सतह पर, 

शिक्षा से भरपूर करो इन्हें तुम , 

क्यों कर रहे हो इन मासूमों पर अत्याचार, 

अब बचानी है। 

इन मासूमों कि जान, 

ना होने देंगे इन्हें बर्बाद, 

दिन है अभी उनके उछल कुद करने के, 

मत करो कम उम्र में हाथ इनके पीले, 

तुम्हारी छोटी सी नादानी , 

इन मासूमों को ज़िंदगी भर रुलाएगी। 

कम उम्र में कैसे ढोएगें, 

 ये विवाह का भार। 

इन मासूम सी कलियों को, 

फूल बन के महक ने दो। 

चमक ने दो इन्हें भी लक्ष्मी - प्रताप जैसा। 

क्यों दीपक को जलने से पहले ही, 

बुझाने का प्रयत्न करते हो? 

परिभाषा सही - गलत तुम इन्हें सीखने दो। 

बनने दो तुम इन्हें पेड़ों कि तरह, 

चाहे आन्धी, तूफान या प्रलय जो भी आए, 

हर मुश्किल से लड़ना सीखने दो। 

बंद करो बाल विवाह। 

रोको बाल विवाह।। 



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