बाल मजदूरी(समय करेगा मांग)
बाल मजदूरी(समय करेगा मांग)
नन्हे नन्हे बच्चो को, जब भी तुम तडपाओगे।
समय करेगा मांग , जमाने को, तुम क्या दे जाओगे।
जब भी इनके हाथो मे, हसरत का कफन चढाओगे
समय करेगा मांग, लुभाने को, तुम क्या दे जाओगे।
उम्मीदो को रौदेगे, इच्छा को मार गिराओगे।
समय करेगा मांग बनाने को,तुम क्या दे जाओगे।
कांधे पे ईटो का बस्ता, हाथ मे दर्द थमाओगे।
इच्छा मे अंगार जमाकर, अरमा दफ्न कराओगे।
खेलकूद की उम्र मे जो तुम, जीवन खेल बनाओगे।
समय करेगा मांग, समस्या को, तुम क्या दे जाओगे।
ऊॅचे ऊॅचे सपनो को तुम, जब भी ग्रहण लगाओगे।
सौम्ययुक्त इस जीवन मे, जब नरकीले बन छाओगे।
बच्चो का सम्मान गिराकर, तुम कितना उठ पाओगे।
समय करेगा मांग, तपस्या को, तुम क्या दे जाओगे
हँसी खुशी के लम्हो को, जब पीडा ददॆ दिखाओगे।
सोच को भी बाॅधोगे तुम, जब इच्छा थोपे जाओगे।
जिद करने के लम्हो मे, तुम खुद जिद्दी बन जाओगे।
समय करेगा मांग, जरूरत को, तुम क्या दे जाओगे।
शिक्षा का अधिकार छीन, जब उनसे काम कराओगे।
मौज मस्ती की इस दुनिया को, बंधन में सहलाओगे।
मन, ह्दय की इच्छा मे जब, उनसे खोते जाओगे।
समय करेगा मांग, उन सूरत, को तुम क्या दे जाओगे।
मुश्किल होगा तय कर पाना, इन रस्तो की महफिल को।
जिनमे इच्छा बिदक रही हो, मांग रहा हो दिल दिल को।
एहसासो का ज़ोर हो ऐसा, बाॅध दे जो हर मंजिल को।
जबरन ही क्यो खीचे तू, बचपन से इन संगदिल को।
समय करेगा मांग तो तुम, आहट को, क्या दे जाओगे।
समय करेगा मागॅ, तो मुस्कुराहट को क्या दे जाओगे।