बाल कविता "चंदा मामा मुझे सिखाओ"
बाल कविता "चंदा मामा मुझे सिखाओ"
सारी दुनिया से हो न्यारे।
चंदा मामा कितने प्यारे।।
रात को तुम आ जाते हो।
सुबह कहां छुप जाते हो?
मुझे सिखाओ, कठिन परिश्रम।
जैसे रात भर चलते हो।
मुझे सिखाओ, हर पल जीना।
जैसे सर्दी - गर्मी सहते हो।।
अंधियारे से डरते हैं हम।
इसलिए उजाला करते हो।।
मुझे सिखाओ बनूं महान ।
जैसे तारो बीच चमकते हो।।
