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ANJU SAINI(ARP)

Inspirational

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ANJU SAINI(ARP)

Inspirational

महात्मा गांधी

महात्मा गांधी

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2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर गुजरात में।

जन्म हुआ मोहन का गुजराती परिवार में।।

पिता करमचंद गांधी उनके, माता पुतलीबाई थी।

जीवन की हर एक शिक्षा, माता से ही पाई थी।।

13 वर्ष की उम्र में, मोहन का ब्याह रचाया था। 

14 वर्ष की कस्तूरबा को दुल्हन बनाकर लाया था।।

15 वर्ष की उम्र में ही, पिता का साया छूट गया।

माता पुतलीबाई से, सुख ही जैसे रूठ गया।। 

1887 में मुंबई यूनिवर्सिटी से , मैट्रिक पास किया।

भावनगर के श्यामलदास, कॉलेज में दाखिला लिया।।

गुजराती से अंग्रेजी में,आने पर दिक्कत बहुत हुई।

उन व्याख्यानों को समझने में, मशक्कत बहुत हुई।।

वह बनना चाहते थे डॉक्टर, पर घरवालों को मंजूर नहीं।

वैष्णव परिवार में रहकर चीर फाड़ का दस्तूर नहीं।। 

राजघराने की परंपरा ने,बैरिस्टर बनने को मजबूर किया।

इंग्लैंड जाने का प्रस्ताव, सहर्ष ही स्वीकार किया।। 

शाही राजधानी लंदन में भी, माता का वचन निभाया था। 

शाकाहारी बने रहे, ना मांस मदिरा को हाथ लगाया था।।

सबसे पहले बन वकील, अफ्रीका में संघर्ष किया।

नागरिकों के अधिकार दिलाकर,भारतीय समुदाय को हर्ष किया।।

1915 में भारत आकर, श्रमिकों और किसानों का उद्धार किया। 

जाति जाति का भेद मिटाकर, एकजुट सारा समाज किया।।

देश दरिद्रता से मुक्त किया, महिला अधिकारों का विस्तार।

वृक्ष-वनों की रक्षा के हित, वन के ठेकेदारों का प्रतिकार।।

चिपको,चंपारन,दांडी,भारत छोड़ो,कितने सत्याग्रह कर डाले।

भारत की तस्वीर सवांरने में, जाने कितने रंग भर डाले।।

जो स्वप्न संजोए आंखों ने,वह सपने सब परिपूर्ण हुए।

15 अगस्त 1947 का दिन, अंग्रेजों के मंसूबे सब चूर्ण हुए।।

स्वराज बनाया भारत को, जनता को अधिकार दिया।

बापू,महात्मा,राष्ट्रपिता कह, जन-जन ने सत्कार दिया।।

30 जनवरी 1948 को,विश्व सितारा डूब गया।

सत्य-अहिंसा की राह दिखा कर ना जाने वह कहां गया।।

           


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