गणेश वंदना
गणेश वंदना
मात-पिता के हो अति प्यारे।
शिवनंदन तुम राज दुलारे।।
मात- पिता ही विश्व तुम्हारे।
करी परिक्रमा, सुर सब हारे।।
प्रथम पूज्य मम देव हमारे।
मंगल मूर्ति बन काज संवारे।।
एकदंत और भुजा हैं चारी।
मूषक की तुम करो सवारी।।
श्रीफल तुमको भेंट चढ़ाते।
मोदक-लड्डू तुम्हें सुहाते।।
रिद्धि-सिद्धि के हो तुम दाता।
कार्तिक के हो अनुज भ्राता।।
सुकेश, जलंधर, भूमा अयय्प्पा।
अनुज तुम्हारे चारों भ्राता।।
अशोक सुंदरी बहन तुम्हारी।
तनया है माता संतोषी।।
हाथ जोड़ हम विनय हैं करते।
भक्तों के तुम सब दुःख हरते।
शुभ- लाभ है पुत्र तुम्हारे।
पूर्ण मनोरथ करो हमारे।।