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ANJU SAINI(ARP)

Children Stories

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ANJU SAINI(ARP)

Children Stories

मेरा विद्यालय

मेरा विद्यालय

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स्कूल हमारा बच्चों के बिन, सूना- सूना लगता है।

कब आओगे बच्चो मेरे ,समय ये दूना लगता है।।

तुम्हे चहकते जब भी देखे ,मन मेरा खुश हो जाता था।

जब लड़ते थे तुम आपस में ,गुस्सा भी फिर आता था।।

खेल खेल में तुम्हे सिखाया,जीवन का हर पाठ पढ़ाया।

अरे कोरोना निष्ठुर तूने हम सब का नुकसान कराया।।

विद्यालय की वह सब खुशियां , लौट पुनः फिर आएंगी।

हम सब मिलकर फिर खेलेंगे,और चिड़िया पेड़ो पर गाएंगी।।

       


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