"बाग-बगीचा"
"बाग-बगीचा"
हमारी खुशियों का गलीचा
बच्चों का कहलाता वीजा
कहते इसे हम सब,बगीचा
सबके आंनद की फ़िजा
कोई इसको उद्यान कहता है,
कोई बोलता इसे बाग सुरीला
हमारी खुशियों का गलीचा
कहते इसे हम सब,बगीचा
कहीं मनु ने बनाया नगीना
कहीं रब ने बाग को सींचा
बाग है,प्रभु की सुंदर ऋचा
मन को मिलता,सुकूँ परिंदा
प्रकृति बगीचे की सुरक्षा करो,
स्वार्थ से बाग उजाड़ा न करो,
प्रकृति उपवन में ही मिलता
अपार शांति फूल पाकीजा
हमारी खुशियों का गलीचा
कहते इसे हम सब,बगीचा
बाग लगाओ,बाग बचाओ
प्रकृति की होगी अच्छी पूजा
सावन से ही मिटता पतझड़
बाग से ही आता दृश्य जन्नत
जहां-जहां बाग-बगीचे होते है,
वहां उतर आता स्वर्ग दूजा।
