Rahul V
Tragedy Others
NA
जाने बाले कभी वापस नहीं आते, यह हकीकत का सामना किया करूँ। जाने बाले कभी वापस नहीं आते, यह हकीकत का सामना किया करूँ।
नीला अंबर ख़ामोश फ़िज़ाये, मन भावन समां रूह को छुए।। नीला अंबर ख़ामोश फ़िज़ाये, मन भावन समां रूह को छुए।।
मेरी आँखों में आँसू कभी सहते नहीं। तो अब क्यों चुप हो,कुछ तो कहो। मेरी आँखों में आँसू कभी सहते नहीं। तो अब क्यों चुप हो,कुछ तो कहो।
ताकि समाज में चहुंओर कायम रहे पारस्परिक प्रेम और सद्भाव। ताकि समाज में चहुंओर कायम रहे पारस्परिक प्रेम और सद्भाव।
अधूरी पहचान, अधूरा प्रोफाइल, बायोडेटा का पता नहीं। अधूरी पहचान, अधूरा प्रोफाइल, बायोडेटा का पता नहीं।
उम्र के साथ -साथ एकाकी के प्रवेश द्वार खुल जाता है। उम्र के साथ -साथ एकाकी के प्रवेश द्वार खुल जाता है।
झूठों की महफिल सज रही अब सरेआम चारों ही ओर सच बोलने के साहस को ही गटक गया यहां झूठों। झूठों की महफिल सज रही अब सरेआम चारों ही ओर सच बोलने के साहस को ही गटक ग...
कर परवाह, जो मिटाते भीतर मल माह कर परवाह, जो मिटाते भीतर मल माह
सच कहूं तो, जिंदगी एक, कठपुतली सी हो गयी है.. सच कहूं तो, जिंदगी एक, कठपुतली सी हो गयी है..
निभाई हमने सभी मोहब्बत की कसमें, निभाई हमने वफ़ा- ए- इश्क की सारी रस्में। निभाई हमने सभी मोहब्बत की कसमें, निभाई हमने वफ़ा- ए- इश्क की सारी रस्में।
मैंने पुष्प से पूछा, तू इतनी खुश क्यों है, मुस्कराते बोली, मेरे प्यार के लिए खुश हूँ। मैंने पुष्प से पूछा, तू इतनी खुश क्यों है, मुस्कराते बोली, मेरे प्यार के लिए ...
आज स्वतंत्र है देश अपना अंग्रेजों का गुलाम नहीं। आज स्वतंत्र है देश अपना अंग्रेजों का गुलाम नहीं।
अब तो हद ही हो गई है क़त्ल वह करते थे निगाहों से और सजा हम पाते थे। अब तो हद ही हो गई है क़त्ल वह करते थे निगाहों से और सजा हम पाते थे।
आज़ाद हूँ मैं पर देश के किसी कोने में.. आज भी गुलामी ने जकड़ा है। आज़ाद हूँ मैं पर देश के किसी कोने में.. आज भी गुलामी ने जकड़ा है।
उस अनजान दिशा की और जिसका शायद कोई वजूद ही नहीं। उस अनजान दिशा की और जिसका शायद कोई वजूद ही नहीं।
आंसू निकल आते हैं थोड़ा रो लेते हैं लोग सब आंसू निकल आते हैं थोड़ा रो लेते हैं लोग सब
लड़कों को लगता है कि ये लड़कियों को होने वाली एक बीमारी है। लड़कों को लगता है कि ये लड़कियों को होने वाली एक बीमारी है।
कोई कर के मदद कमा रहा पुण्य, कोई दे झूठी गवाही , कोई कर के मदद कमा रहा पुण्य, कोई दे झूठी गवाही ,
चीर के धरती के सीने को नए नए अंकुर है उगाता। चीर के धरती के सीने को नए नए अंकुर है उगाता।
मुझ बूढ़ी मां को छोड़ अकेली, कितने खुश हैं मेरे लाल। मुझ बूढ़ी मां को छोड़ अकेली, कितने खुश हैं मेरे लाल।