असहनीय इश्क
असहनीय इश्क
जलते
हुए
आग
और
दहकते
हुए
अंगारे
से
भी
गर्म
है
बेहद
गर्म
है
यह
पागल
इश्क
इस
असहनीय
गर्म
प्रेम
के
पास
आने
की
किंचित
कोशिश
मात्र
करने
पर
हीं
असहनीय
जलन
सा
होता
है
फिर
भी
आने
की
लगातार
असफल
कोशिश
करना
जलने
से
भी
नहीं
डरना
यही
है
इश्क
सच्चा
इश्क।