अरमानों की उड़ान
अरमानों की उड़ान
अरमानों की उड़ान
जाने दो,
उड़ने दो,
इन बेटियों तो भी
उस खुले आसमां में,
मत काटो इनके पंखों को
माँ के कोख में ही,
मत कुचलो इनके ख्वाबों को,
इनके पास भी पंख हैं
अरमानों के,
चाहिए..
बस एक मौका
जरा-सा हौसला,
मत दफ़नाओं
मत कुचलो,
बेटियों के इन पंखों को
जाने दो..
उड़ने दो
कभी तो उनके भी अरमान देखो।