अपना रख तू ख़्याल
अपना रख तू ख़्याल
वो मांगता हैं मुझसे मिसाल
कहने को मुझे विशाल
अपना रख तू ख़याल
ख़ुद में मस्ती कर बहाल
ये दुनिया हैं महाजाल
ज़रूरत हैं ख़ुद को खंगाल
पिछड़ा क्यों हैं तू बहरहाल
पहले गला तू अपनी दाल
सब दे तेरा ही मिसाल
कर तू ऐसा कमाल
ख़ुद को ले खंगाल
तुझमें बसें देश का हर लाल
पहले गला तू अपनी दाल
फ़िर दे तू दुनिया को थाल
ख़ुद में कर बचपना बहाल
फ़िर होगा तेरा जीवन खुशहाल
कामयाबी की जहां होगी लाली
सदा वहीं रहेगी ये ख़ुशहाली
तुझमें बसें देश का हर लाल
दिखा सको जो तू ख़ुद में कमाल
दुनिया बैठेगी तेरी डाल
पहले गला तू अपनी दाल
हर एक चीज़ ऱखता उसका ख़्याल
बचपना काटे जब भी बवाल
दिन औ रात को मेरा ख़्याल
कहने को मुझे विशाल
ख़ुद में ख़ुशी पाता फिलहाल
विश्वास भी होता ख़ूब निहाल।