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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

अपना दुःख

अपना दुःख

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तू अपना दुःख

खुद ही झेलेगा।

सब खेलेंगे साथ मगर

वो अपना खेलेंगे

तू अपना खेलेगाI

तू अपना दुःख

खुद ही झेलेगा।

मंजे हुए खिलाड़ी यहां

मंजे हुए इरादे हैं

तासीर इनकी हाला जहां

लिबास सीधे-सादे हैंI

दुनिया की भीड़ में अगर

वो तुम्हें ठेलेंगे

तू उन्हें ठेलेगा।

तू अपना दुःख

खुद ही झेलेगा।

रिश्ते है यहां मतलबी

कौन अपना कौन पराया है

जब भी मांगा हुआ अजनबी

हालातों से आँख भर आया है

मुसाफिर हैं सब यहां,

जीवन एक सफ़र

वो तुम्हें मिलेंगे

तू उन्हें मिलेगा I

तू अपना दुःख

खुद ही झेलेगा ।

नफरत से जल रहा यहां

देह, मज़हब, समाज, देश

अब सुख अमन है कहां

मन जल कर हुआ सब शेष

कौन कहे दुःख का ये काम ना कर

वो अपना दुःख झेलेंगे

तू अपना दुःख झेलेगा।



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