अनुभव......!!
अनुभव......!!
बहुत ही गहरा शब्द अनुभव है.. जीवन है..
दोनों की आपस में खूब निभती है..जैसे-जैसे समय जाता समय है... अनुभव है..
समय से जुड़ती स्थिति बनती-बिगड़ती परिस्थिति शब्द एक अर्थ के सारे भेद..
अनुभव है.... सबक है..
सबक देती है सबब आँखों मे छुपाती नमी स्वयं में दिखाती है कमी सबक रटना है... अनुभव है..
किसी ने गिराया..किसी ने उठाया..फ़ायदा का सौदा..अनुभव है.. प्रेम का मोल...
दर्द या ख़ुशी जो मिला समय से स्वयं को मिलाया..प्रेम से मिला
सबक-सबब जीवन में दोबारा नही दोहराया..
कि जिन राहों की पगडंडियों से मिलते रहे जीवन का अनुभव लेते रहें..
पीछे मोड़ कर नहीं देखा.. आस व विश्वास की डोर से..
स्वयं को बांध...नंदिता आगे बढ़ने को कहते है
अनुभव..अनमोल है.. कभी मत भूलना...अनुभव..!!