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Ram Shukla

Drama

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Ram Shukla

Drama

अन्तर्द्वन्द

अन्तर्द्वन्द

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शक्तिशाली इंसान भी,

मजबूर हो जाता है,

जब वो अपनो से,

दूर हो जाता है।


जो कभी सोता था,

पूरे बेड पर अकेले,

वो छोटे से कमरे में,

एडजस्ट होने पे,

मजबूर हो जाता है।


जो थोड़ी मिर्ची ज्यादा होने पर,

थाली फेंक दिया करते थे,

सुना है अपने हाथों की,

जली रोटियों में गुरूर आता है।


मैं घरवालों से परेशान हूँ,

ऐसा बहुतों से मैंने सुना है,

जाके उनसे कोई पूछे,

जो घरवालों से दूर,

होने पे मजबूर हो जाता है।


लाख धन तुम कमा,

लोगे माना 'विकल',

उन्हें कहाँ से लाओगे,

जो दिल से दूर हो जाता है।


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