अनोखा सा होता है वो रिश्ता
अनोखा सा होता है वो रिश्ता


अनोखा सा होता है वो रिश्ता
जहाँ बहन की आँखों में आँसू देख
दिल भाई का है रोता
तू चली जायेगी तो,
चैन की सांस लूंगा कहने वाला भाई
बहन की विदाई पर,
कोने में छुप-छुप कर सबसे ज़्यादा है रोता
आज तो तू गया,
पापा से इतनी मार पड़वाऊंगी बच्चू
कह कर धमकाने वाली, बहन का मन
किसी के मुंह से अपमान का एक शब्द
भाई के लिए सहन नहीं कर पाता
भाई की खुशहाली के लिए
सजदे में हर दर पर सर बहन का है झुकता
वो बचपन का मासूम, शरारती सा प्यार ना जाने कब
एक दूजे के दिल की धड़कन बन जाता
अनोखा सा होता है वो रिश्ता
जहाँ दूर होने पर भी
एक दूजे से उनको जुदा कोई ना कर पाता!