STORYMIRROR

Renu Poddar

Others

4  

Renu Poddar

Others

क्या सचमुच कुछ बदला है

क्या सचमुच कुछ बदला है

1 min
291

कुछ तो बदला है, पर क्या सचमुच कुछ बदला है ?

जहाँ एक और दूसरे बेटे के जन्म पर, 

आदमी अपने को सातवें आसमान पर पाता है l

वहीं दूसरी और दूसरी बेटी के जन्म पर,

बेचारा बन जाता है ll 

जहाँ एक और बेटे का पिता उसकी शादी में, 

अकड़ कर घुमता है l

वहीं दूसरी और बेटी का पिता उसकी शादी में,

डरा-सहमा सा रहता है ll

कुछ तो बदला है, पर क्या सचमुच कुछ बदला है ?

जहाँ एक और आदमी की ज़िन्दगी में,

शादी के बाद कोई बदलाव नहीं आता है l

वहीं दूसरी और औरत की ज़िन्दगी में,

सब कुछ बदल जाता है l

जहाँ एक और आदमी घर का कर्ता-धर्ता कहलाता है l

वहीं दूसरी और औरत के,

अनगिनत कामों को भी कुछ नहीं समझा जाता है ll

जहाँ एक और आदमी पूरी ज़िन्दगी मनमानी करता है 

वहीं दूसरी और औरत ज़िन्दगी भर, 

मनमानी किसे कहते हैं, यही समझ नहीं पाती है ll

कुछ तो बदला है, पर क्या सचमुच कुछ बदला है ?

जहाँ एक और आदमी पैदा होते ही,

पिता का वारिस बन जाता है l

वहीं दूसरी और औरत जन्म से लेकर मृत्यू तक,

किस घर को अपना कहे यही समझ नहीं पाती है ll

क्योंकि पिता ने तो पैदा होते ही पराया धन कह दिया था l

और पति किसी भी उम्र में,

पिता के घर लौटने को कह देता है ll

कुछ तो बदला है, पर क्या सचमुच कुछ बदला है ?


Rate this content
Log in