STORYMIRROR

Rashmi Lata Mishra

Inspirational

1  

Rashmi Lata Mishra

Inspirational

अनजानी भूल

अनजानी भूल

1 min
192


सुबह का भूला

लौट आये यदि घर शाम को,

नहीं कहलाए फिर 'सुबह का भूला'।

इंसान क्या है,गलतियों का पुतला।

हो जाती है जाने -अनजाने

उससे गलतियां पर,

मान ले उन्हें दोहराए नहीं,

मांग ले क्षमा फिर,

नहीं रहता वह 'सुबह का भूला'।


जीवन एक जंग और दुश्मन अनेक,

नैतिकता की राह पर रोड़े है देख।

मगर जीवन चलने का नाम है,

हो जाए गर भूल तो संभलने का नाम है,

लग जाए ठोकर तो उठने का नाम है।


गिरकर उठना उठकर चलना,

यह जीवन की रीत है भूल नहीं।

भूलो से जो सीख सका वही बोला,

लौट आए यदि शाम 

न कहा ये फिर 'सुबह का भूला।'



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational