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Rajesh kumar sharma purohit

Abstract

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Rajesh kumar sharma purohit

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अनजान सफर

अनजान सफर

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ये जिन्दगी संघर्षो की यात्रा है

मिलते है कई अनजान यहाँ


जो करते है छल धोखा यहाँ

कोई प्रेम करते कोई घृणा


ये अनजाना सफर यूँ ही

गुजरता जाता है सतत


कालचक्र के पहियों में

पिसता जाता है मानव


देखते आये है सदियों से

बेबसी में जीते मानव


मौन रहकर जीते जो

घुट घुट कर जिन्दगी


अनजाना सफर चलता

कभी रुकता नहीं दोस्तों



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