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Rajesh kumar sharma purohit

Abstract

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Rajesh kumar sharma purohit

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सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

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सीता पवित्र थी पवित्र ही रहेगी

शक्ति रूपी सीता को भी यहाँ

पग पग पर अग्नि परीक्षा देनी है

हर युग मे सीता की अग्नि परीक्षा होगी।


विश्वास का प्रतीक है अग्नि परीक्षा

जब जब समाज मे शंका रहेगी

तब तक अग्नि परीक्षा देनी होगी

राम ने सीता का त्याग कर दिया।


जो शक्ति प्राप्त की उसका त्याग

जो त्याग का भी त्याग कर दे

वह राम महात्यागी हो गए

वह परमात्मा राम सन्देश देते हैं।


तुम त्याग का भी त्याग कर दो

ये भजन की उन्नत अवस्था है

जिसमें योगी रमण करते है

वह है राम अंतर्जगत का राम।


सारा युद्ध अंतर्जगत का यह

राम ने रावण को मार कर

लंका विजय की सीता लाये

सीता ने अग्नि परीक्षा दी।


अग्नि परीक्षा के बाद ही

राम ने सीता का त्याग कर दिया

ये मानस अंतर्जगत का है

रामराज होने पर राम ने।


हनुमान सुग्रीव विभीक्षण

सभी को भेज दिया

ये शुद्ध मानस कथा है

सीता का त्याग कर दिया।


योगी वीतरागी बन गए राम

केवल परम तत्व शेष रह गया

ये आत्मा उसमे विलीन हो गई

ये भगवान ने लीला कर दिखाई।



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