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वसुधैव कुटुम्बकम

वसुधैव कुटुम्बकम

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आज विश्व ग्राम की कल्पना करें

वसुधैव कुटुम्ब की फिर से बात करें


एक रहे नेक रहें मिलकर काम करें

अनेकता में एकता का फिर गान करें


एकल परिवारों को छोड़ संयुक्त बने

सबके दिल जीतने का हम काम करें


आतंवाद, उग्रवाद को छोड़कर बढ़ें

देश विकास कैसे हो आओ बात करें


इंटरनेट से छोटा हो गया विश्व हमारा

अब तो पल में सारे देशों की सैर करें


एक राष्ट्र दूसरा राष्ट्र को सीख दे रहा

आओ वसुधैव कुटुम्बक की बात करें


सोच बड़ी हो हमारी तभी काम होगा

आओ सभी विस्तृत सोच का काम करें


मानवीय मूल्यों को अब परिष्कृत करें।

फिर से वसुधैव कुटुम्बकम की बात करें।


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