अंजान सफ़र में
अंजान सफ़र में
अनजान रास्ते पर,
अनजान सफर में,
लो आ गए हम तेरी महर में,
थामकर रखना यूँही हाथ मेरा,
जिंदगी की हर पहर में।
हाँ गलतियाँ मुझसे भी होगी,
थोड़ा गुस्सा भी होगा,
थोड़ी शिकायतें भी होंगी
नया नया सफर है,
नई ये डगर है,
चलना सीखूंगी हर पल,
बस तुम साथ रहना।
मुझे आता नहीं है रिश्तों को निभाना,
मैंने तो सीखा है बस रिश्तों में जीना,
जो तोड़ दु मैं दिल किसी का,
तो गलत ना समझना
अनजान रास्ते पर अनजान सफर है।
बस ये याद रखना तू मेरा हमसफ़र है।
हो सकता है अलग हो,
तेरे मेरे जीने का सलीका
सपनों की दुनिया
विचारों का सलीका,
बस एक ही मंजिल पर
मेरा इंतजार रखना।
अनजान सफर है, अनजान राहें
बस तू थामे रहना, मेरी ये बाहें।