अमृत से भरा एक प्याला
अमृत से भरा एक प्याला
यह मेज पर रखा
प्याला
बिना किसी के गिराये
खुद से
कैसे फर्श पर गिरकर
टुकड़ा टुकड़ा बिखर गया
यह अमृत से भरा
एक प्याला था
किसी के प्यार और
विश्वास से भरा
यह कोई विष या मय का
प्याला नहीं था
जो खुद ब खुद
टूटा है ना तो फिर
इसमें खुदा की ही कोई
रज़ा रही होगी।
