अल्पता
अल्पता
अल्पता, एक वरदान है, एक अभिशाप है,
ये जमीन से आसमा को छूने के सफर की उड़ान है,
तू गुमनाम उस कहानी में पहले,
फ़िर ये सबसे मिलने की पहचान है,
तू आज अकेला इस सफ़र में,
तो कल लाखों की भीड़ तेरे साथ है,
अल्पता, एक वरदान है, एक अभिशाप है,
ये जमीन से आसमा को छूने के सफर की उड़ान है,
कल तक अजनबी, जिस के लिए तू,
वो आज , तालुक का फ़रमान है,
तू आज है बदनाम जिस हंसी की खातिर,
वो कल आश्चर्य की हंसी में मिला, चुपचाप है,
अल्पता, एक वरदान है, एक अभिशाप है,
ये जमीन से आसमा को छूने के सफर की उड़ान है,
पुराने उन दिनों के सफर को,
तू याद करके जो परेशान था,
वो दिन ना होते तो तू कहां आज चैन से जीता,
ये उन दिनों की आवाज है,
अल्पता, एक वरदान है, एक अभिशाप है,
ये जमीन से आसमाँ को छूने के सफर की उड़ान है।