अक्सर
अक्सर
जान लो,
पहचान लो,
अपनी राहों को,
अक्सर मुसाफिरों को,
राहों से भटकते हुए,
देखा है हमने।
कर लो मजबूत,
अपनी उम्मीदों को,
अक्सर उम्मीद को,
नाउम्मीद होते,
देखा है हमने।
अच्छे कर लो,
काम अपने,
अक्सर अपनी,
नज़रो में गिरते हुए,
देखा है हमने।
थाम लो अपने,
ज़बान को,
अक्सर अपनी,
बातों से लोगो को,
मुकरते हुए देखा है।
निकाल लो वक्त,
ख़ुद को जानने के लिये,
अक्सर अपना वजूद,
खोते देखा है हमने।