अजीब सा समय
अजीब सा समय
कभी सोचा न था ऐसा भी दिन आएगा
कुछ इस तरह ये साल गुजरेगा
पहले समय था पर वक़्त न था
अब वक़्त है जब समय का समा न रहा।
कभी डर लगता था, बड़े बड़ों से
आज छोटा सा किरदार सबको समान कर दिया
बस कुछ दिनों की खामोशी ने
जिंदगी जीने का महत्व सिखा दिया।
ये अकेले रहने का सिलसिला तब तक चलेगा
जब तक तु अपनी काबिलियत ना परखेगा
कितना मुश्किल है ना ! इच्छा से खुदको बंदि करना
पर क्या पता शायद इसी को ही कहते हैं जीना !
