अजीब किस्सा
अजीब किस्सा
वक्त के वो अजीब किस्से
हमसे बताया तो कीजिए,
आंखों से बहते उन मोतियों को
यूं ना छुपाया कीजिए,
है दुख तो आना -जाना जीवन में
भूल भी जाना उसे,
जो भी कुछ अवशेष पड़े हैं
मन में बिखरे- बिखरे हुए,
बंद पड़ी तस्वीरों से निकल
उनको बताया तो कीजिए,
वक्त के वो अजीब किस्से
हमसे बताया तो कीजिए,
उस घने अंधेरे में भी
एक प्रकाश जलाया तो कीजिए,
माना खामोश है जिंदगी आज,
अपनों के लिए मुस्कुराया तो कीजिए,
कहीं कड़वाहट ना घुल जाए जिंदगी में,
इससे पहले मिठास तो घोला कीजिए,
वक्त के वो अजीब किस्से
हमसे बताया तो कीजिए।
