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hardeep singh

Romance

4  

hardeep singh

Romance

ऐतबार

ऐतबार

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4

इस बात पे एतबार नहीं होता।

हुस्न कोई हथियार नहीं होता।

मतलब देख कर करते हैं जो

लालच होता है प्यार नहीं होता।

दिल की कोई दुकान नुक्सान नहीं सहती

आशिको उधार नहीं होता

जिस्म बिकते देखे मैंने।

रूह का कोई बाजार नहीं होता।


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