Nirali Thanki
Tragedy Inspirational
प्यार बनकर तूने मुस्कुराना सिखाया
दर्द बनकर तूने संभलना सिखाया
इम्तेहान लेकर तूने लड़ना सिखाया
कभी प्यार बनकर
तो कभी दर्द बनकर
ऐसे ही गुज़र रही है ज़िन्दगी
हमसफ़र बनकर।
ये जिंदगी
चाहत
साथ तुम्हारे ...
ऐसे ही गुज़र र...
शर्म बेचकर खाने वाले कब बहनों का मान बनेंगे शर्म बेचकर खाने वाले कब बहनों का मान बनेंगे
छोटी सी है जिंदगी, इस बात से खुश रहो। जो है तुम्हारे पास, बस उसी में खुश रहो। छोटी सी है जिंदगी, इस बात से खुश रहो। जो है तुम्हारे पास, बस उसी ...
पहचानों उन्हें भारतवासियों जयचंद हैं देश के. पहचानों उन्हें भारतवासियों जयचंद हैं देश के.
बता ना, मैं कौन से घर जाऊं माँ, मैं किसे अपना बताऊं। बता ना, मैं कौन से घर जाऊं माँ, मैं किसे अपना बताऊं।
कभी प्यार न था उससे, उसके जाने के बाद, इश्क का मतलब समझने लगे हम। कभी प्यार न था उससे, उसके जाने के बाद, इश्क का मतलब समझने लगे हम।
जो सच नहीं ‘वो’ ख़्वाब रोज़ आता क्यों है बनके मेरा हमसफ़र, दुश्मन मुझे सताता क्यों हैं… जो सच नहीं ‘वो’ ख़्वाब रोज़ आता क्यों है बनके मेरा हमसफ़र, दुश्मन मुझे सताता क्...
अब से पहले तो ऐसे ना हालात थे, हर तरफ गुमशुदा तेरे जज्बात थे, अब से पहले तो ऐसे ना हालात थे, हर तरफ गुमशुदा तेरे जज्बात थे,
और सच्चा टेलेंट हमेशाा ग़रीबी के बोझ तले दब जाता है जिसे यहां स्वतंत्रता....... और सच्चा टेलेंट हमेशाा ग़रीबी के बोझ तले दब जाता है जिसे यहां स्वतंत्रता....
जिन्हें अपनी वजूद की कीमत का ना कोई अंदाज है। जिन्हें अपनी वजूद की कीमत का ना कोई अंदाज है।
बस में भीड़ भरी पड़ी थी मैं भी किसी कोने में लटकी पड़ी थी. बस में भीड़ भरी पड़ी थी मैं भी किसी कोने में लटकी पड़ी थी.
बड़ा दुःख होता है कहते हुये कि मैं एक अनाथ हूँ,! बड़ा दुःख होता है कहते हुये कि मैं एक अनाथ हूँ,!
सुकून की तलाश में ,अपना सुकून खो बैठता है सुकून की तलाश में ,अपना सुकून खो बैठता है
में अब एक अरसे से बैठा हूँ रूठ कर यहाँ ना जाने कहाँ चला गया वो मनाने वाला। में अब एक अरसे से बैठा हूँ रूठ कर यहाँ ना जाने कहाँ चला गया वो मनाने वाला।
लिखते हैं दर्द अपना पर दिखता नहीं है किसी को. लिखते हैं दर्द अपना पर दिखता नहीं है किसी को.
आवाज़ ना उठाना भी एक गुनाह है इतनी-सी समझदारी तो है सब में आवाज़ ना उठाना भी एक गुनाह है इतनी-सी समझदारी तो है सब में
बयां कर सके हर दाग़, ये रहनुमाई दे दो। बयां कर सके हर दाग़, ये रहनुमाई दे दो।
चलो जो भी हुआ फिलहाल जाने दो। चलो जो भी हुआ फिलहाल जाने दो।
चमन की आबरू खुशियों का' आँगन बेच देती है सियासत कौड़ियों में घर के बर्तन बेच देती है. चमन की आबरू खुशियों का' आँगन बेच देती है सियासत कौड़ियों में घर के बर्तन बेच द...
दूरियां अपनों से आसमां तक हो गईं, जमीं पर थे हम पर फासलों तक खो गईं। दूरियां अपनों से आसमां तक हो गईं, जमीं पर थे हम पर फासलों तक खो गईं।
जब कभी दिल उदास हुआ, उसकी यादों के साथ हुआ। जब कभी दिल उदास हुआ, उसकी यादों के साथ हुआ।