STORYMIRROR

Monika M

Tragedy

4  

Monika M

Tragedy

ऐ हृदय!

ऐ हृदय!

1 min
155

हे राम ! कोई चिंता है क्या?

तेरे दर पर क्यों ताले है?

बस तू थोड़ा धीरज रखना,

हम सब भी हिम्मत वाले हैं।


कहो ज़रा यम से अपने,

किसी और बरस को आने को,

बची नहीं है माटी अब,

मिल कर बस मिट जाने को।


ऐ राम तेरे कुछ बस में नहीं,

तो कहकर साफ़ बताओ,

कंधों की कमी है यहां,

ज़रा आकर हाथ बंटाओ।


आओगे जब तुम यहां,

तो आंसू सबके चखना,

हम सब हिम्मतवाले हैं,

तू भी हिम्मत रखना।



రచనకు రేటింగ్ ఇవ్వండి
లాగిన్

Similar hindi poem from Tragedy