STORYMIRROR

Rajesh Chandrani Madanlal Jain

Action

4  

Rajesh Chandrani Madanlal Jain

Action

अगर आग है मुझमें …

अगर आग है मुझमें …

1 min
267

अगर आग है मुझमें … अगर आग है मुझमें

तो नियंत्रण खुद पर रखना होगा

हर मासूम को इस ज्वाला से

झुलसने से बचाना होगा


अगर आग है मुझमें

उन्हें अपनी लपट में लेना होगा

मानवता खो देते हैं जो

दुष्ट वृत्ति उनकी जलाना होगा


अगर आग है मुझमें

निराशा का नाम मिटाना होगा

छले जाने से ठंडी हुई जिजीविषा जिनमें

उनको ताप प्रदान करना होगा


अगर आग है मुझमें

मानव जीवन को संबल देना होगा

औरों को मौत दे रहे जो 

उन्हें इस आग में भस्म करना होगा 


अगर आग है मुझमें

मुझे सतर्क पुरुषार्थ करना होगा

समाज अच्छाई सेंकते हुए 

समाज बुराई को जलाना होगा 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action