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Anita Sharma

Abstract Classics

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Anita Sharma

Abstract Classics

अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो

अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो

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भजनो की लय पर दादी बाबा को द्रवित होते देखा है,

भटकूं ना मैं इस विचलित अंतर्मन को भक्तिमय कर दीजो,

हे ईश्वर अगले जनम मुझे बिटिया ही कीजो।


हर सफलता पर अपनी मैंने पिता को गर्वित होते देखा है,

सफलताओं के परचम लहराने की ऐसी असीम शक्ति मुझे दीजो,

हे ईश्वर अगले जनम मुझे बिटिया ही कीजो।


मेरे हर हुनर पर मेरे मैंने माँ को हर्षित होते देखा है

ऐसे ही कलात्मकता से भरपूर गुणों की खान मुझे कीजो,

हे ईश्वर अगले जनम मुझे बिटिया ही कीजो।


मेरे हर त्याग और सहयोग पर भाई को समर्पित होते देखा है,

छोटों पर ऐसा प्यार लुटा सकूँ ऐसा निश्छल मन मुझे दीजो,

हे ईश्वर अगले जनम मुझे बिटिया ही कीजो।


दो कुल का मान बनाये रखा तो खुद को चर्चित होते देखा है,

खुशियों का आगाज़ करूँ मुझको ऐसे सौभाग्य का वर दीजो,

हे ईश्वर अगले जनम मुझे बिटिया ही कीजो।


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