अधूरे से ख्वाब...
अधूरे से ख्वाब...
अधूरे से ख्वाब
धुँधली तस्वीरें
ग़म से भरी
क्यों ये तकदीरें !
जब राहें जुदा
क्यों प्यार हुआ
बतला दे तू
ऐ मेरे खुदा !
अक्स धुँधला
धुँधले चेहरे
भीगी पलकें
सब धुँधला दिखे !
उम्मीदें – वफा
किससे करें
मिट्टी के लोग
चंद टुकडों में बिकें !
