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Anju Gupta

Abstract

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Anju Gupta

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अधूरे से ख्वाब...

अधूरे से ख्वाब...

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अधूरे से ख्वाब

धुँधली तस्वीरें

ग़म से भरी

क्यों ये तकदीरें !


जब राहें जुदा

क्यों प्यार हुआ

बतला दे तू

ऐ मेरे खुदा !


अक्स धुँधला

धुँधले चेहरे

भीगी पलकें

सब धुँधला दिखे !


उम्मीदें – वफा

किससे करें

मिट्टी के लोग

चंद टुकडों में बिकें !


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