अधूरा रिश्ता
अधूरा रिश्ता
अधूरा रह गया वो रिश्ता
जिसे हम चाहकर भी मुकम्मल न कर सकें,
दुनिया के रश्मों रिवाजों ने सब ख़त्म कर दिया,
पर दिल का वो हिस्सा
जहाँ तुम्हारा कभी कब्ज़ा हुआ करता था
आज भी विरान पड़ा है जब भी
कभी तेरी यादों का बवंडर आता है
रूह की बेचैनी ऑखों में उतर आती है।