अच्छी बात है
अच्छी बात है
तुम्हारा लहजा अच्छा रखना अच्छी बात है,
पर आजकल लहजा अच्छा होना शक की बात है।
तुम गले लगा रहे हो अच्छी बात है,
पर ये धोका तो नहीं कि आज तो पहली मुलाकात है।
मुझे देख के मुस्कुराये तुम अच्छी बात है,
पर गर हँसे हो मुझ पे तो ज़िल्लत की बात है।
शाम ढले तुम लौट आओगी अच्छी बात है,
पर मुझे बता ज़रूर देना गर रात किसी और के साथ है।
बेवफाई तुम्हारी हो गयी ज़ाहिर अच्छी बात है,
पर कुछ दिन तो रुक जाते कि अभी तो बस शुरुआत है।
तुम्हें परवाह भी नहीं दुनिया की अच्छी बात है,
कि ये दुनिया तुम्हारे लिए दुनिया कहाँ आशिक़ों की बारात है।
तुम आँसू रोक लेते हो अच्छी बात है,
बहा भी दोगे तो मेरे लिए तो बिन बादल बरसात है।
कसमें मेरी खा रहे हो अच्छी बात है,
पर 'एज़ाज़' को कुछ हो गया तो
गवाह ये ग़ज़ल और पूरी कायनात है।।
